खुली झुल्फ़ों में आफ़त देखी है
मैंने जीते जी कयामत देखी है
ये दिल अब और क्या देखे, जब
उसकी हर एक शरारत देखी है
वो रो पड़ती है मेरी इसी हालत पे मैंने ख़ुद की और बुरी हालत देखी है
हर कहीं बस बेचैनी ही मिली मुझे
सिर्फ़ उसकी बाहों में राहत देखी है
Vlograhul_