सूर्यवंशी क्षत्रिय कुल गोहिल राजवंश में जन्मे काल भोज अर्थात बप्पा रावल के प्रपौत्र अतः खुमान सिंह रावल के पुत्र क्षत्रिय राजपूत सम्राट भृतभट्ट सिंह रावल।। 🙏🚩
मेवाड़ के क्रमशः शासक बने खुमान तृतीय के बाद भृतभट्ट द्वितीय इसके बारे में हमें आहड़ लेख 977 ईसवी से जानकारी मिलती है। 942 ईसवी के प्रतापगढ़ अभिलेख में उसे महाराजाधिराज की उपाधि से पुकारा गया ।
भृतभट्ट सिंह रावल बप्पा रावल की ही भांति अत्यंत ही पराक्रमी योद्धा थे, इनके इसी प्रक्रम के चलते भृत भट्ट सिंह जी को #महाराजाधिराज की उपाधि से नवाजा गया था ।।
क्षत्रिय धर्म युगे: युगे: ⚔️🚩
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जय माॅं भवानी ⚔️🚩
जय एकलिंग महाराज ⚔️🚩