12 सितंबर 1897 को सारागढ़ी मे लड़ा गया यह भीषण युद्ध हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण के अक्षरों से लिख दिया गया ब्रिटिश भारतीय सेना और अफगान ओराक्जजातियों के मध्य लड़ा गया यह युद्ध इतना भीषण और इतना भयानक था की जिस किसी व्यक्ति ने इस युद्ध के बारे मे पढ़ा उसकी आंख भर आई और उसके हृदय मे देशभक्ति की एक ज्वाला जाग्रत हो उठी।
सारागढ़ी मे हुए इस युद्ध का नेतृत्व कर रहें हवलदार ईशर सिंह ने अपने 21 सिख सैनिकों के साथ गिल बादशाह के 12000 अफगान सैनिकों का मुकाबला किया और हँसते हँसते अपने प्राणों को आहुति दे दी ।
" किया जो वादा तुझसे है माँ उसे सदा मैं निभाऊंगा अपने प्राणों का बलिदान देकर मैं तेरी लाज बचाऊंगा "
युद्ध का प्रारंभ तब हुआ जब सुबह 9 बजे के लगभग 10000 अफगान विद्रोहियों ने सारागढ़ी चौकी पहुँचने का संकेत दिया तभी गुरमुख सिंह ने यह सुचना लोकहार्ट किले मे स्थित कर्नल हौथटन को दी की उन पर हमला हुआ है और उन्हें सहायता की जरुरत हैं कर्नल हौथटन के लिए सारागढ़ी के किले तक तुरंत सहायता पहुँचाना बहुत मुश्किल था इसलिए कर्नल हौथटन ने हवलदार ईशर सिंह और उसके साथियों को पिछे हटने का आदेश दिया परंतु भारतीय सैनिकों ने कर्नल हौथटन व ब्रिटिश सरकार के आदेश को मानने से इनकार कर दिया और अपनी आखिरी साँस तक लड़ने का निर्णय लिया युद्ध मे सबसे पहले भारतीय जवान भगवान सिंह और लाल सिंह गम्भीर रुप से गायल हुए घायल भगवान सिंह के शरीर को सैनिक लाल सिंह और जिवा सिंह पोस्ट के अन्दर लेकर आये तब तक विद्रोहियों ने घेरे की दिवार को तोड़ दिया अफगान सेना का अधिनायक ब्रिटिश सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए लुभाता रहा परंतु ईशर सिंह और उसके सैनिक वीरो की तरह लड़ते रहें अफगान सैनिकों ने दो बार मुख्य द्वार खोलने का प्रयास किया पर वह विफल रहें तब अफगान विद्रोहियों ने दीवार तोड़ गिराई और तत्पश्चात हुई आमने सामने की भीषण लड़ाई आमने सामने की हुई उसभीषण लड़ाई मे हवलदार ईशर सिंह,गुरमुख सिंह और कई भारतीय जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी ।
इस युद्ध मे गुरमुख सिंह जो अन्तिम सिख रक्षक थे उन्होंने अकेले 20 अफगान विद्रोहियों को मार गिराया और जब अफगान विद्रोहियों से गुरमुख सिंह से युद्ध नहीं किया गया तो उन्होंने गुरमुख सिंह को मारने के लिए उन पर आग के गोलों से हमला किया ।

21 मार्च 2019 मे आई फिल्म केसरी सारागढ़ी युद्ध पर आधारित हैं अनुराग सिंह द्वारा लिखी गई और निर्देशक की इस फिल्म मे भारतीय जवानों की वीरता और सीख कोम का मातृभूमि के प्रति प्रेम और उनके द्वारा दिए गए बलिदान को बहुत ही सुंदर तरिके से दर्शाया गया हैं ।
फिल्म मे अक्षय कुमार ने हवलदार ईशर सिंह का किरदार निभाया हैं जिसे लोगों ने बहुत पसंद भी किया था।