23 मार्च, 2022मेरे स्कूल का आखिरी दिन था। उस दिन मैं खुश था और दुखी भी। खुश इसलिए कि मैं कॉलेज जाऊंगा और दुखी इसलिए कि मेरा वह स्कूल छूटने वाला है, जिसमें मैंने जीवन के 10 साल बिताए थे।
रोज की तरह सुबह 9:15 पर मैं स्कूल पहुंच गया। मेरे पास केवल एक ही किताब थी, जो मैंने पुस्तकालय से पढ़ने के लिए ली थी। उस दिन 10वीं कक्षा के सभी छात्र बिना बैग के स्कूल आए थे।
उस दिन कोई क्लास नहीं लगी थी। मैं पुस्तकालय गया और पुस्तक लौटा आया। मैंने अपने मित्रों से मुलाकात की। उनमें से कई अपने भविष्य के कॅरियर की बात कर रहे थे, जबकि कुछ आने वाली परीक्षा को लेकर चिंतित थे।
जूनियर्स ने 5 बजे विदाई पार्टी का आयोजन किया था। 11वीं कक्षा के छात्रों ने मेजबान की भूमिका निभाई। कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के शो दिखाए गए। 11वीं कक्षा के कुछ छात्रों ने अपने शिक्षकों के साथ बिताए समय का तथा स्कूल में अपने प्रवास का वर्णन किया और एक कव्वाली गाई। हमारे प्रिंसिपल ने सबको संबोधित करते हुए कहा कि ‘तुम सबकी स्मृति हमेशा के लिए स्कूल के प्रत्येक कोने में रहेगी।’ फिर उन्होंने स्कूल से बाहर जाने वाले छात्रों को भविष्य में देश के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।
उनका कहना था कि कठोर परिश्रम और ईमानदारी जैसे गुण ही मनुष्य को सामान्य से विशिष्ट बनाते हैं, इसलिए जहां कहीं भी जाओ, इन गुणों का आचरण करो। इसी के साथ उन्होंने हम सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और आशीर्वाद भी दिया।
आज भी मुझे उस दिन का एक-एक क्षण याद है।. ✒️✒️. Ravirawal