इस कठिनाई भरी जिंदगी मे, कुछ लम्हों की तलाश हैं
उन लम्हों से,थोड़े सुकून की आस हैं
मेरे अंधेरों को भी अब उम्मीद की प्यास हैं
के ये सुकून भरी जिंदगी भी मुझसे नाराज हैं
जरा सूनो मेरे लफ्जों को इनमें उसीकि आवाज हैं
मैं इंदर अपनी काहानी का,मुझे सरु की तलाश हैं।