जितनी भी चाहो तुम तक़रार कर लो न कर सको इकरार तो इन्कार ही कर लो
तुम हसीन हो कत्ल-ए-आम करो बेशक बस थोड़ी सी कम अपनी धार कर लो
अपने दोस्तों में मेरा भी शुमार कर लो मिरे दिल में अपना अख्तियार कर लो
माना तुम्हें मुझसे नफ़रत है तो क्या चलो नफ़रत मिला के प्यार कर लो