कभी किरणों से तुम भी नहाया करो,
चांद तारों का घूंघट बनाया करो।
सेज बनकर घटाएं है छाई सनम,
आकर इस पर कभी लेट जाया करो।।
"भ्रमर"
Mujhe writing karane bachapan se hi sauk raha Aur Mai social worker ke taur par bhi kary karate h