कभी हादसों की डगर मिले... कभी मुश्किलों का सफ़र मिले ये चराग़ हैं मेरी राह के... मुझे मंज़िलों की तलाश है!!
कोई हो सफ़र मे जो साथ दे... मैं रुकुं जहाँ कोई हाथ दे मेरी मंज़िलें अभी दूर है.... मुझे रास्तों की तलाश है!!
मैं उदास रस्ता हूँ शम्मा का... तेरी आहटों की तलाश है ये सितारे सब हैं बुझे बुझे... मुझे जुगनुओं की तलाश है!!
वो जो दरिया था एक आग का... सभी रास्तों से गुज़र गया हमें कबसे रेत के शहर में... नयी बस्तियों की तलाश है!!
जो खुशी गले ना लगे कभी... उसे हंस के गले से उतार दो करें गर्दिशो से वो दोस्ती... जिन्हें आसरों कि तलाश है!!
कयी मोड़ आयेंगे राह् में... कहीं थक के बैठ ना जाऊँ मैं
मेरी ज़िन्दगी कि हकीकतों... को नयी हदों की तलाश है!!
कोई दर्द हो या हो खुशी ... कोई ख्वाब हो या हकीकतें जहाँ सच के चेहरे दिखायी दे... उन्ही आइनो की तलाश है!!
वो जो बाग् सारा उजाड दे... मुझे ऐसा हार नहीं चाहिये मेरे आसुओं को जो गूंथ ले... उन्हीं दूरियों की तलाश है!!
जिसे डूब जाने का ख़ौफ हो... कभी घर से वो चला ही क्यों करे आंधियों का मुकाबला... जिन्हे साहिलों की तलाश है!!
जिसे धूप मे रखा गया.... वही पत्तियां ना हरी हुयीं जिन्हे छांव लगनी चाहिये... उन्हे बादलों की तलाश है !!
वही पत्तियां ना हरी हुयीं... जिन्हें धूप में ना रखा गया उन्हें धूप मिलनी ही चाहिए... जिन्हें बादलों कि तलाश है!!