Shayri's on school life / स्कूली जीवन पर शायरी
फिर से काश वही तक़दीर मिल जायेज़िन्दगी के वो सारे हसी पल मिल जायेबेठे चल आज फिर से क्लास की लास्ट बेंच परक्या पता शायद वो पुराने दोस्त मिल जाये ।।
बचपन गुजर गया पूरा स्कूल मैंजवानी की अब कॉलेज मैं बारी हैहमे पता है ये सब भी तो जरूरी हैक्या यही हम लोगो की ज़िंदगानी है ।।
जब पढ़ते थे तो स्कूल सेआजाद होना चाहते थेअब आजाद हुए तो फिर सेवही ज़िन्दगी जीना चाहते है ।।
स्कूल के दिनो मे सबसे बेहतरदिन वो होता था जब हरक्लास का पहला दिन होता था ।।