कृत्रिम बुद्धिमत्ता: मानवता के भविष्य का निर्माण

Date: Sun Feb 02, 2025 03:33PM
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I. कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उद्भव और विकास

AI की अवधारणा प्राचीन काल से मनुष्य की "बुद्धिमान मशीनें" बनाने की इच्छा से जुड़ी रही है, लेकिन इसका वैज्ञानिक आधार 20वीं सदी में रखा गया।

  1. आधुनिक AI की शुरुआत (1950–1970)

    • 1950 में एलन ट्यूरिंग ने "कंप्यूटिंग मशीनरी एंड इंटेलिजेंस" पेपर में ट्यूरिंग टेस्ट का प्रस्ताव रखा, जो मशीनों की बुद्धिमत्ता को परखने का मानक बना।

    • 1956 में डार्टमाउथ कॉन्फ्रेंस में "कृत्रिम बुद्धिमत्ता" शब्द गढ़ा गया। इस दौरान लॉजिक थियोरिस्ट जैसे प्रोग्राम बनाए गए, जो गणितीय प्रमेय सिद्ध कर सकते थे।

    • 1970 के दशक में AI अनुसंधान धीमा पड़ गया, जिसे "AI विंटर" कहा गया।

  2. मशीन लर्निंग का उदय (1980–2000)

    • एक्सपर्ट सिस्टम (जैसे MYCIN) ने चिकित्सा और इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता की नकल की।

    • 1997 में IBM के डीप ब्लू ने शतरंज चैंपियन गैरी कास्परोव को हराया, जो AI की रणनीतिक क्षमता का प्रतीक बना।

  3. डीप लर्निंग क्रांति (2010–वर्तमान)

    • कन्वॉल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क्स (CNNs) और बड़े डेटा सेट्स ने AI को छवि और भाषा पहचान में मानव-स्तरीय सटीकता दी।

    • अल्फागो (2016) ने गो खेल में विश्व चैंपियन ली सेडोल को हराया, और GPT-3 (2020) जैसे मॉडलों ने मानव-जैसा पाठ उत्पन्न करना शुरू किया।


II. AI के अनुप्रयोग: समाज को बदलते हुए

  1. स्वास्थ्य सेवा

    • AI ट्यूमर, फ्रैक्चर और मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी जैसी बीमारियों का पता लगाने में डॉक्टरों से बेहतर है।

    • अल्फाफोल्ड जैसे प्लेटफॉर्म प्रोटीन संरचनाओं की भविष्यवाणी करके दवा निर्माण को तेज कर रहे हैं।

  2. जलवायु परिवर्तन और कृषि

    • AI मॉडल चरम मौसम की घटनाओं का पूर्वानुमान लगाते हैं और नवीकरणीय ऊर्जा को अनुकूलित करते हैं।

    • ड्रोन और सेंसर मिट्टी की सेहत की निगरानी करके पानी और कीटनाशकों के उपयोग को कम करते हैं।

  3. शिक्षा

    • खान अकादमी जैसे प्लेटफॉर्म AI का उपयोग करके छात्रों के लिए व्यक्तिगत पाठ्यक्रम बनाते हैं।

    • AI ट्यूटर्स गरीब देशों में शिक्षा तक पहुंच बढ़ा रहे हैं।

  4. रचनात्मक क्षेत्र

    • DALL-E और MidJourney जैसे टूल टेक्स्ट से कलाकृति बनाते हैं, जिससे मानवीय रचनात्मकता पर सवाल उठते हैं।

    • AI संगीत, फिल्म पटकथाएँ, और फैशन डिज़ाइन भी तैयार कर रहा है।

  5. स्वायत्त प्रणालियाँ

    • टेस्ला और वेमो की सेल्फ-ड्राइविंग कारें दुर्घटनाओं को कम करने की क्षमता रखती हैं।

    • AI-चालित ड्रोन आपदा राहत और वितरण सेवाओं में उपयोगी हैं।


III. नैतिक और सामाजिक चुनौतियाँ

  1. पूर्वाग्रह और भेदभाव

    • AI सिस्टम पक्षपातपूर्ण डेटा से सीखकर नस्लीय और लैंगिक असमानताओं को बढ़ा सकते हैं। उदाहरण: अश्वेत लोगों के लिए फेशियल रिकग्निशन में त्रुटियाँ।

  2. रोजगार का विस्थापन

    • विश्व आर्थिक मंच के अनुसार, 2025 तक 8.5 करोड़ नौकरियाँ AI और ऑटोमेशन से प्रभावित होंगी।

  3. निजता और निगरानी

    • चीन का सामाजिक क्रेडिट सिस्टम AI का उपयोग करके नागरिकों के व्यवहार को नियंत्रित करता है।

  4. अस्तित्वगत खतरे

    • निक बोस्ट्रॉम जैसे दार्शनिक चेतावनी देते हैं कि मानव-विरोधी AI मानवता के लिए खतरनाक हो सकता है।


IV. भविष्य की संभावनाएँ और जिम्मेदारियाँ

  1. तकनीकी संभावनाएँ

    • क्वांटम AI: अणुओं की गतिविधियों का सिमुलेशन कर स्वच्छ ऊर्जा के समाधान ढूंढेगा।

    • सामान्य AI (AGI): मानव-जैसी बुद्धिमत्ता वाली मशीनें अभी दूर हैं, लेकिन GPT-4 जैसे मॉडल प्रगति का संकेत देते हैं।

  2. वैश्विक नीतियाँ

    • संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों को AI के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक बनाने चाहिए।

    • यूरोपीय संघ का AI अधिनियम उच्च-जोखिम अनुप्रयोगों को नियंत्रित करने का प्रयास है।

  3. मानव-AI सहयोग

    • AI सर्जनों और पत्रकारों की क्षमताओं को बढ़ाएगा, न कि उन्हें प्रतिस्थापित करेगा।

    • "संकर बुद्धिमत्ता" (ह्यूमन-मशीन सहयोग) भविष्य की कुंजी होगी।

  4. नैतिक AI विकास

    • माइक्रोसॉफ्ट का AI for Good कार्यक्रम सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए AI का उपयोग करता है।


V. निष्कर्ष: सहयोग की ओर

AI मानवता के लिए एक दोधारी तलवार है। यह बीमारियों का इलाज, जलवायु संकट का समाधान, और शिक्षा का लोकतंत्रीकरण कर सकता है, लेकिन यह निजता, रोजगार, और सामाजिक न्याय के लिए खतरनाक भी हो सकता है। इसकी शक्ति को संयमित करने के लिए नैतिक नेतृत्व, वैश्विक सहयोग, और जनता की जागरूकता आवश्यक है। AI को मानवता का प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि एक सहयोगी के रूप में अपनाकर ही हम एक समृद्ध और न्यायपूर्ण भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

 
 
 
 
 
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