सनातन धर्म - आस्था की जननी या आध्यात्मिक दर्शन की जड़ें...

Date: Sun Apr 20, 2025 04:32PM
© Riddhi Singh
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सनातन: - क्या है यह सनातन!! यह तो एक ऐसी जड़ है जिससे यह पूरे विश्व का प्रारंभ हुआ है। सनातन तो वो है जिससे पूरे विश्व का सदैव से कल्याण ही हुआ है, यह तो वो है जिसने सभी मनुष्यों को एकजुट होने का भाव सिखाया है। सनातन धर्म का अर्थ है 'शाश्वत धर्म' या सदा रहने वाला धर्म। यह विश्व का सर्वप्रथम एवं प्राचीन धर्म है। इसकी जड़ें भारतीय उपमहाद्वीप में हैं। सनातन का मूल तत्व है:- सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा, दान, जाप, तप, यम-नियम। यह हमारा एकनिष्ठा, ध्यान, मौन और तप की ओर मार्गदर्शन करता है। सनातन धर्म में पूरा विश्व सनातन है और यह अनादिकाल से है। यह अनेक संप्रदायों की जड़ है जैसे हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध और अन्यI यह धर्म परमात्मा और आत्मा दोनों से जुड़ा है। यह एक आचार संहिता है जो नैतिकता पर आधारित है। सनातन धर्म हमें जीवन जीने का तरीका बताता है। सनातन धर्म का कोई एक संस्थापक नहीं था। यह धर्म धीरे-धीरे विकसित हुआ, विभिन्न संस्कृतियों एवं परंपराओं का मिश्रण है। इसे वैदिक धर्म या वर्णाश्रम धर्म भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। सनातन पूर्ण विश्व का कल्याण है, यह केवल सीमित संप्रदायों तक नहीं है, इसकी जड़ें तो पूरे विश्व, पूरे ब्रह्माण्ड में फैली हुई हैं। सनातन धर्म ही एक ऐसा धर्म है जिसमें हम कहते हैं:- "विश्व का कल्याण हो"। सनातन ने पूरे विश्व के आध्यात्मिक चिंतन को प्रभावित किया है। इसकी गहराई को समझना आधुनिक समाज में सद्भाव और एकता को बढ़ावा दे सकता है और मनुष्यों में एकजुट होने का संदेश प्रदान करता है। सनातन की गहराइयों को समझकर हम न केवल अपने इतिहास को, बल्कि आज की वैश्विक एकता को भी समझ सकते हैं।

धन्यवादI
IIजय श्री रामII🚩🚩
#IIजय सनातन धर्म कीII🚩🚩🛕
IIभारत माता की जयII

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