बिल्ली और चूहों की कहानी|

Date: Sat Jun 17, 2023 12:36AM
© Pradnya Sarwadkar
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एक बार एक बिल्ली थी, वो बहुत ही चालाक और चौकस थी और उसकी इसी चालाकी और चौकसी को देखकर चूहे भी सावधान हो गये थे और अब चूहे बिल्ली के हाथ नहीं आ रहे थे।
एक समय ऐसा आया कि बिल्ली भूख के मारे तड़पने लगी। एक भी चूहा उसके हाथ नहीं आता था, क्योंकि वो उसकी आहट सुनते ही तेज़ी से अपने बिल में छुप जाते थे।भूख से बचने के लिए बिल्ली योजना बनाने लगी। तभी उसके दिमाग में कुछ आया और वो एक टेबल पर उल्टी लेट गई। उसने सभी चूहों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वो मर चुकी है।
सारे चूहे बिल्ली को ऐसे लेटा हुआ अपने बिल से ही देख रहे थे। उन्हें पता था कि बिल्ली बहुत चालाक है, इसलिए उनमें से कोई भी चूहा अपने बिल से बाहर नहीं आया।लेकिन, बिल्ली भी हार मानने वालों में से नहीं थी। वो बहुत देर तक उसी टेबल पर उल्टी लेटी रही। धीरे-धीरे चूहों को लगने लगा कि बिल्ली मर चुकी है। वो जश्न मनाते हुए अपने बिल से निकलने लगे।
चूहे जैसे ही बिल्ली की टेबल के पास पहुँचे, उसने उछलकर दो चूहे पकड़ लिए। इस तरह बिल्ली ने इस बार तो अपने पेट को भर लिया, लेकिन चूहे अब और भी ज़्यादा सतर्क हो गए।दो चूहे खाने के बाद बिल्ली दोबारा भूख से तड़पने लगी, क्योंकि चूहे अब बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतना चाहती थे।
इस बार पेट भरने के लिए एक बार फिर बिल्ली को योजना बनानी थी। लेकिन, इस बार छोटी योजना काम नहीं आने वाली थी। इसलिए, बिल्ली ने अब खुद को पूरे आटे से ढक लिया।
चूहों ने सोचा कि वह आटा है और उसे खाने के लिए आ गए। लेकिन एक बूढ़े चूहे ने उन्हें रोक दिया। उसने ध्यान से आटा देखा, तो उसे उसमें बिल्ली का आकार दिखने लगा।
तभी बूढ़े चूहे ने हल्ला मचाना शुरू किया। उसने कहा, “सब अपने बिल में चले जाओ। यहाँ आटे में बिल्ली छुपी है।” बूढ़े चूहे की बात सुनकर सारे चूहे अपने बिल में चले गए।

जब बहुत देर तक एक भी चूहा बिल्ली के पास नहीं पहुँचा, तब बिल्ली थकने की वजह से उठ गई। इस तरह बूढ़े चूहे ने अपने अनुभव से सारे चूहों की जान बचा ली।
कहानी से सीखबिल्ली और चूहे की कहानी से यह सीख मिलती है कि बुद्धि का इस्तेमाल करके धोखे से बचा जा सकता है।



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