कुछ लोग हमेशा परिस्थितियों को ही दोष देते हैयह motivational story ऐसी हैजिसको सुनकर आपकी आंखें खुल सकती हैइस कहानी को जल्दी से जल्दी शुरू करते हैं
काफी समय पहले की बात है दोस्तोंएक आदमी रेगिस्तान में फंस गया था वह मन ही मन अपने आप को बोल रहा था कि यह कितनी अच्छी और सुंदर जगह हैअगर यहां पर पानी होता तो यहां पर कितने अच्छे-अच्छे पेड़ उग रहे होते और यहां पर कितने लोग घूमने आना चाहते होंगे मतलब ब्लेम कर रहा था कि यह होता तो वो होता और वो होता तो शायद ऐसा होता ऊपरवाला देख रहा था अब उस इंसान ने सोचा यहां पर पानी नहीं दिख रहा है उसको थोड़ी देर आगे जाने के बाद उसको एक कुआं दिखाई दिया जो कि पानी से लबालब भरा हुआ था काफी देर तक विचार-विमर्श करता रहा खुद से
फिर बाद उसको वहां पर एक रस्सी और बाल्टी दिखाई दी इसके बाद कहीं सेएक पर्ची उड़ के आती है जिस पर्ची में लिखा हुआ था कि तुमने कहा था कियहां पर पानी का कोई स्त्रोत नहीं है अब तुम्हारे पास पानी का स्रोत भी हैअगर तुम चाहते हो तो यहां पर पौधे लगा सकते होवह चला गया दोस्तों तो यह कहानी हमें क्या सिखाती हैयह कहानी हमें यह सिखाती है किअगर आप परिस्थितियों को दोष देना चाहते हो कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आप परिस्थितियों को दोष देते हो कि अगर यहां पर ऐसा हो औरआपको वह सोर्सेस मिल जाए तो क्या परिस्थिति को बदल सकते हो
इस कहानी में तो यही लगता है कि कुछ लोग सिर्फ परिस्थिति को दोष देना जानते हैंअगर उनके पास उपयुक्त स्रोत हो तो वह परिस्थिति को नहीं बदल सकतेसिर्फ वह ब्लेम करना जानते हैं लेकिन हमे ऐसा नहीं बनना है दोस्तों इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि अगर आप चाहते हो कि परिस्थितियां बदले और आपको अगर उसके लिए उपयुक्त साधन मिल जाए तोआप अपना एक परसेंट योगदान तो दे ही सकते हैं औरमुझे पूरा भरोसा है कि अगर आपके साथ ऐसी कोई घटना घटित होती हैआप अपना योगदान जरूर देंगेयह कहानी आपको अच्छी लगी होगी अगर आप चाहते हो कि आपको ऐसी मजेदार कहानियां मिलती रहे तो आप बिल्कुल सही जगह पर है
दोस्तों मेने आपका ज्यादा समय खराब नहीं किया और इस को मैंने कम से कम शब्दों में समेटने की कोशिश की है जो कि मैं कर पाया अगर आपके कोई सुझाव हो तो कमेंट के माध्यम से मुझे जरूर बताएं और अगरआपको यह motivational story अच्छी लगी हो तो इस कहानी को और लोगों सेआपके दोस्तों के साथ आप शेयर करिए शुक्रिया