एक बार की बात है, एक गांव में एक बहुत ही अच्छा लड़का रहता था। उसके माँ-बाप ने उसे बहुत ही समझदारी से पाला था जिससे उसकी शिक्षा भी बहुत अच्छी थी। वह बच्चा सभी के दिलों पर राज करता था।
एक दिन उसने अपने मित्रों से सुना कि शहर में एक मेला आने वाला है। उसके मित्रों ने उसे भी मेले में जाने की बहुत इच्छा जताई। उसने अपने माँ-बाप से पैसे मांगे, लेकिन उन्होंने उसे नहीं दिए। बच्चा बेहद उदास हो गया।
वह दिन गुजरता गया और मेले का दिन नजदीक आ गया। बच्चा फिर अपने माँ-बाप से पैसे मांगा लेकिन वे फिर से नहीं दिए। उसने उनसे बहुत डर कर मांगा लेकिन वे उसे अब भी नहीं दे पाए।
बच्चा बेहद दुखी हो गया। वह जब मेले के लिए निकला तो वहां उसने एक बूढ़े आदमी को देखा जो कुछ चीजें बेच रहा था। उसने उस बूढ़े आदमी से बोला, "आपके पास कुछ ऐसी चीजें होंगी जो मेरी मदद कर सकती हैं और मै आपको उनकी कीमत दूंगा।"
बूढ़ा आदमी ने उस बच्चे की सीधी-सीधी बात से खुशी महसूस की और उसे कुछ उपहार देकर बताया कि वह उन उपहारों की कीमत नहीं लेगा। वह बच्चा उस बूढ़े आदमी से उन उपहारों को ले गया और उन्हें उस बूढ़े आदमी को दे दिया। बूढ़े आदमी ने उस बच्चे को बधाई देते हुए कहा कि वह बहुत ही बच्चे और सभी के लिए एक आदर्श है।
बच्चा अब खुश था क्योंकि उसने दूसरों की मदद करके अच्छा महसूस किया था। उसने अपने माँ-बाप को उस बूढ़े आदमी की बात बताई और उनसे माफ़ी मांगी। वे उसे माफ़ कर दिए और उसे अगली बार मेले में जाने की इजाज़त दे दी।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए और दूसरों के साथ दया और समझदारी से व्यवहार करना चाहिए। इससे हमें खुशी मिलती है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।