राधा-कृष्ण की प्रेमकथा का अंत---Prem antt

Date: Fri Feb 03, 2023 06:44PM
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राधा-कृष्ण की प्रेमकथा का अंत

लोककथाओं के अनुसार अपने जीवन के अंतिम दिनों में राधा ने अपना घर छोड़ दिया था और कृष्ण से मिलने द्वारका चली गईं थीं. जब आखिरकार ये दोनों मिले तो दोनों ने कुछ नहीं कहा. दोनों जानते थे कि मन से दोनों जुड़े हुए थे. लेकिन राधा को लगा कि कृष्ण से करीब रहना उस तरह का सुख नहीं दे रहा है जिस तरह उन्हें तब लगता था जब वो मन से कृष्ण से जुड़ी हुई थीं. राधा बिना कुछ बोले महल छोड़कर चली गईं. अंतिम क्षणों में कृष्ण ने राधा की अंतिम इच्छा पूरी की जिसमें उन्होंने राधा को सबसे मधुर बांसुरी की धुन बजाकर सुनाई. इसके बाद ही राधा जी कृष्ण में विलीन हो गईं. किसी भी पुराण में राधा की मृत्यु का वर्णन नहीं मिलता.
क्यों नहीं मिल पाए राधा-श्याम…
गर्ग संहिता के गोलोका कांड में देवर्शी नारद और मिथिला नरेश के बीच का संवाद बताया गया है. ये राधा और श्रीधामा के श्राप के कारण हुआ था कि राधा और कृष्ण को 100 सालों का वियोग झेलना पड़ा था.
श्री गर्ग संहिता के विष्वजीत कांड के 49वें अध्याय में एक और कहानी लिखी गई है. कहा गया है कि राधा और कृष्ण 100 साल बाद सूर्य ग्रहण के दौरान होने वाले एक यज्ञ में मिले थे जो कुरुक्षेत्र में हो रहा था. इस दौरान राधा को योगेश्वर भगवान अपने रानियों और गोपियों के साथ ले गए द्वारका. यहां सभी ने राजसूया यज्ञ में हिस्सा लिया जिसे राजा उग्रसेन ने करवाया था. उस समय राधा कृष्ण के साथ उनकी पत्नी के तौर पर थीं और यहीं लिखा जाता है कि राधा की शादी कृष्ण से हुई थी और वो छाया राधा थीं जो रायान गोपा से शादी कर कृष्ण की मामी बनी थीं. पर सिर्फ इस यज्ञ को ही राधा और कृष्ण की शादी का सबूत माना जाता है.

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