Rani Laxmi Bai ki maut

Date: Wed Jan 11, 2023 09:42PM
© Sandeep Bhargav
post-image

झांसी की रानी की मौत कैसे हुई

18 जून 1858 को ग्वालियर के पास कोटा की सराय में रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु हुई थी। रानी लक्ष्मीबाई को लड़ाई करते समय ज्यादा चोट तो नहीं लगी थी परंतु काफी खून बह गया था। जब वह घोड़े पर सवार होकर गॉड रही थी तब एक बीच में झरना आई थी, रानी लक्ष्मीबाई को लगा अगर यह झरना पार कर ली तो कोई उसे पकड़ नहीं कर पाएगा। परंतु जब वह जरना के पास पहुंचे तभी उनका घोड़ा आगे जाने से मना कर दिया । तभी अचानक पीछे से रानी लक्ष्मीबाई के कमर पर तेजी से राइफल से वार हुआ , जिसके कारण काफी ज्यादा खून निकलने लगा। खून को रोकने के लिए जैसे ही वह अपनी कमर पर हाथ लगाने गई तभी अचानक उनकी हाथ से तलवार नीचे गिर गई। फिर वापिस अचानक से एक अंग्रेजी सैनिक ने उनके सिर पर तेजी से वार जिसके कारण उनका सर फूट गया। फिर वह घोड़े पर से नीचे गिर गए, कुछ समय बाद एक सैनिक रानी लक्ष्मी बाई को पास वाले मंदिर में लेकर गया तभी थोड़ी-थोड़ी उनकी सांसे चालू थी। वह मंदिर के पुजारी को रानी लक्ष्मीबाई ने कहा मैं अपने पुत्र दामोदर को आपके पास देखने के लिए छोड़ रही हूं ‌। यह बोलने के बाद उनकी सांसे बंद हो गई , फिर इनका पूरा क्रिया क्रम किया गया। ब्रिटिश जनरल हयूरोज ने रानी लक्ष्मीबाई की बहुत सारी तारीफ की उन्होंने कहा वह बहुत चालाक ,ताकतवर और भारतीय सेना में सबसे खतरनाक थी।

No comments added